तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने खुद को 6 बार कोड़े मारे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अन्ना [more…]
सुजुकी ने अपनी हायाबुसा मोटरसाइकिल का 2025 मॉडल ग्लोबल मार्केट में उतरा है। इस बाइक को कुछ नए कलर और फीचर्स के साथ अपग्रेड के [more…]
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार आज राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया जाएगा। [more…]
साइबर ठगी पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस भी इनके [more…]
ऑनलाइन फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स सेक्टर की दिग्गज कंपनी स्विगी के लिए साल 2024 काफी अच्छा रहा। इस साल कंपनी का कारोबार काफी तेजी [more…]
एनडीए की बैठक में भाजपा ने बनाई दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति, पहली बार इन दलों के नेता करेंगे भाजपा के पक्ष में प्रचार दिल्ली [more…]
पूर्व प्रधानमंत्री और भारत के आर्थिक सुधारों के महानायक डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो चूका है। गुरुवार रात दिल्ली एम्स में उनका निधन हो [more…]
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (BGT 2024-25) के तहत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा टेस्ट मैच आज से खेला जा [more…]
आधुनिक संगठनों की तेज़ रफ्तार दुनिया में सफलता उस कार्यबल पर निर्भर करती है, जो कुशलता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता के बीच संतुलन बनाए रखता है। पेशेवरों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करें और मापनीय परिणाम प्रदान करें, जिसमें विचलन की कोई गुंजाइश न हो। हालांकि, आज’s कार्यस्थलों में एक चिंताजनक प्रवृत्ति उभर रही है: उन लोगों के बीच एक विचलन जो कुशलता को प्राथमिकता देते हैं और वे जो आत्म–संरक्षण में अपने प्रयासों का निवेश करते हैं। यह गतिशीलता संगठनात्मक विकास और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां उत्पन्न करती है। कार्यबल के दो चेहरे संगठन अक्सर दो विरोधाभासी प्रकार के कर्मचारियों की मेजबानी करते हैं: आत्म–संरक्षणवादी ये व्यक्ति सबसे पहले अपनी नौकरी की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। अक्सर मुख्य कुशलता की कमी के कारण, वे [more…]
अंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश में सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि कई अन्य पार्टियां भी जुटी हुई हैं और कांग्रेस संविधान [more…]