ग्रेटर नोएडा: प्रशासनिक कार्यों को पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार से प्राधिकरण में ई-ऑफिस प्रणाली को लागू कर दिया गया है, जिसके बाद अब सभी विभागीय फाइलों का निस्तारण केवल ऑनलाइन माध्यम से ही होगा। इससे कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ने के साथ-साथ फाइलों की स्वीकृति प्रक्रिया भी तेज होगी।
क्या बदलाव होंगे?
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अब सभी फाइलों पर डिजिटल स्वीकृति दी जाएगी, जिसमें तारीख और समय अंकित होगा। इससे अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
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प्राधिकरण के सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के डिजिटल हस्ताक्षर बनाए जा रहे हैं, ताकि वे कहीं से भी फाइलों को मंजूरी दे सकें।
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पहले ही 55,000 से अधिक फाइलों को स्कैन कर डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जा चुका है, जिससे ऑनलाइन प्रक्रिया आसान होगी।
सरकार की निगरानी में कार्यान्वयन
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में सभी विभागों को ई-ऑफिस से जोड़ने का निर्देश दिया था। इस प्रणाली को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा लागू किया जा रहा है, जबकि यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPECL) नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रही है। शासन स्तर पर एक टीम इसकी निगरानी करेगी ताकि प्रक्रिया में कोई चूक न हो।
अधिकारियों ने क्या कहा?
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एनजी रवि कुमार, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सभी विभागों को ई-ऑफिस के माध्यम से ही काम करने का निर्देश दिया है।
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ओएसडी अभिषेक पाठक के अनुसार, अधिकांश कर्मचारियों की ईमेल आईडी तैयार हो चुकी है और डिजिटल साइनेचर का काम तेजी से चल रहा है।
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एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा कि इससे कामकाज में गति आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे आम नागरिकों को फायदा होगा।
नागरिकों को क्या लाभ मिलेगा?
ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से:
✅ फाइलों के निस्तारण में अनावश्यक देरी कम होगी।
✅ पारदर्शिता बढ़ने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
✅ अधिकारी कहीं से भी फाइलों को ऑनलाइन मंजूरी दे सकेंगे।
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