नोएडा प्राधिकरण ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सेक्टर-164 को मोबाइल और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत सेक्टर में मौजूद 6 बड़े प्लॉट्स (5,000 से 8,000 वर्गमीटर) को विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योगों के लिए आरक्षित किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु:
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प्लॉट्स का आकार: 5,000 से 8,000 वर्गमीटर
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उद्देश्य: मोबाइल और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना
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बोर्ड बैठक: प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार को बैठक आयोजित की गई
क्यों है खास?
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रणनीतिक स्थान: नोएडा एयरपोर्ट और एक्सप्रेसवे से नजदीकी के कारण यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षक है।
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मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर: पहले से ही सैमसंग, लावा और डिक्सन जैसी कंपनियों की मौजूदगी से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का इकोसिस्टम मजबूत हो चुका है।
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रोजगार के अवसर: इस पहल से हजारों नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
आगे की योजना:
प्राधिकरण जल्द ही इन प्लॉट्स के आवंटन के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष पहल करेगा। इससे नोएडा देश के प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर सकता है।
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