डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ की बैठक: बाढ़ की आपदा को रोकने के लिए तैयारियों में जुटे विभाग।

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ग्रेटर नोएडा: मानसून के आते ही यमुना नदी के आस-पास के कई इलाके बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हो जाते है। ऐसा ही कुछ तीन साल पूर्व यमुना नदी में आई बाढ़ से जिले के कई गांवों में जन जीवन प्रभावित हुआ था इसके साथ ही काफी फसलों का ही नुकसान हुआ था। जिसे देखते हुये जून में मानसून के दस्‍तक से पहले जिला प्रशासन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। बाढ़ संभावित क्षेत्रों की स्थिति पर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। रिपोर्ट में सामने आया है कि यमुना नदी में बाढ़ आने पर जिले के 72 गांव प्रभावित हो सकते हैं। डीएम ने सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बाढ़ से पहले ही समुचित तैयारियां पूरी कर लें।

आपदा को रोकें
अधिकारियों ने डीएम को बताया कि यमुना नदी की बाढ़ से जनपद के 72 ग्राम प्रभावित होते हैं, जिनमें जेवर तहसील के 25, दादरी के 22 तथा तहसील सदर के 25 ग्राम सम्मिलित हैं। जनपद में कुल 19 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जिनमें जेवर एवं दादरी में 5-5, सदर में 7 तथा सिंचाई विभाग की 02 बाढ़ चौकियां स्थापित है। डीएम ने सिंचाई, पशुपालन, कृषि, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, विद्युत, फायर, जल निगम, आपूर्ति विभाग सहित अन्य विभागों की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि सुनियोजित रणनीति के साथ काम कर बाढ़ जैसी आपदा को रोका जा सकता है। उन्होंने बाढ़ पूर्व चेतावनी प्रणाली, तटबंधों की मरम्मत, नालों की सफाई, चौकियों की सक्रियता, अधिक जल निकासी की योजना तथा ग्रामीणों को जागरूक करने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देश दिया है कि डूब क्षेत्र में स्थित गौशालाओं की मैपिंग कर सभी तैयारियां पूर्ण करें और भूसे की उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही अस्थायी गौशालाओं के लिए उपयुक्त स्थानों का पूर्व चिन्हांकन करने को कहा गया। कृषि विभाग को निर्देश दिए गए कि फसलों को बाढ़ से बचाने की योजना बनाएं। स्वास्थ्य विभाग को सभी बाढ़ चौकियों पर रैपिड रिस्पांस टीम, मेडिकल टीम, एंबुलेंस व आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए।

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