महाकुंभ में परशुराम परिषद की ऐतिहासिक सफलता, लाखों श्रद्धालुओं की सेवा की

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महाकुंभ का अनूठा आयोजन

मेरठ: राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में अपनी ऐतिहासिक सफलता का झंडा बुलंद किया। पं. सुनील भराला के नेतृत्व में परिषद ने इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं को न सिर्फ भव्य सेवा प्रदान की, बल्कि उनकी यात्रा से लेकर उनके भोजन और ठहरने की सभी सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराई। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसका सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी गहरा था।

निःशुल्क यात्रा और ठहरने की व्यवस्था

महाकुंभ में भाग लेने के लिए परशुराम परिषद ने मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लाखों श्रद्धालुओं को निशुल्क यात्रा की सुविधा दी। जिन श्रद्धालुओं के पास आर्थिक तंगी के कारण यात्रा करने का साधन नहीं था, उनके लिए परिषद ने विशेष व्यवस्था की। महाशिविर में रहने और भोजन की व्यवस्था भी पूरी तरह से निःशुल्क थी, जिससे एक विशाल संख्या में श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक अवसर का लाभ उठाया।

महाशिविर में सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियाँ

महाशिविर में भगवान श्री परशुराम जी के जीवन पर आधारित गैलरी भी बनाई गई, जिसमें उनकी वीरता, तपस्या और धर्म की रक्षा के कार्यों की जानकारी दी गई। यहाँ पर प्रतिदिन भगवान परशुराम जी की कथा और यज्ञ के आयोजन के साथ-साथ श्रद्धालुओं को उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई। महाशिविर में भोजन और ठहरने की व्यवस्था के अलावा, यहाँ श्रद्धालुओं के लिए ध्यान और पूजा का भी विशेष इंतजाम था।

भगवान परशुराम के प्रति श्रद्धा और आस्था

महाशिविर के दौरान भगवान परशुराम के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रदर्शन करते हुए, श्रद्धालुओं ने इस अवसर का भरपूर लाभ लिया। यह आयोजन महाकुंभ के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने में सफल रहा और परशुराम परिषद ने धर्म और संस्कृति की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।

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