नई दिल्ली: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का समापन 2025 की महाशिवरात्रि के साथ हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ब्लॉग पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को एकता का महाकुंभ करार दिया। पीएम मोदी ने लिखा कि इस बार का महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का संगम था, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की एकता का प्रतीक भी बना।
महाकुंभ की अनोखी विशेषताएँ
पीएम मोदी ने ब्लॉग में इस विशाल आयोजन की महत्ता को बताया और कहा, “प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन एक अभूतपूर्व घटना रही, जहां देशभर के लोग एक साथ आकर संगम में स्नान करने के लिए जुटे। इस आयोजन में ना सिर्फ देशवासियों की आस्था का संगम हुआ, बल्कि यह एकता, समरसता और प्रेम का प्रतीक बनकर उभरा।” उन्होंने इस महाकुंभ को भारत की महान सांस्कृतिक विरासत और भारतीय समाज की एकता की अभिव्यक्ति बताया।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धारा का संगम
पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का मेला था, बल्कि यह दिखाता है कि भारत की युवा पीढ़ी आज भी अपनी संस्कृति और संस्कारों के प्रति समर्पित है। इस आयोजन में जितनी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, वह रिकॉर्ड है। इससे यह संदेश मिलता है कि भारत की राष्ट्रीय चेतना और सामूहिक आस्था अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रही है।”
महाकुंभ के आयोजन की सफलता
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के आयोजन के लिए प्रशासन, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और अन्य सेवक कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह आयोजन आसान नहीं था, लेकिन यूपी की जनता और प्रशासन ने मिलकर इसे सफलता के साथ सम्पन्न किया। इस आयोजन के पीछे केवल प्रशासनिक प्रयास नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास की भावना भी थी।”
एकता के महाकुंभ से मिली प्रेरणा
पीएम मोदी ने इस महाकुंभ से एकता और भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस प्रेरणा को अपने जीवन में उतारें और एकता के इस महान संदेश को फैलाएं। हमें अपने राष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए संकल्पित रहना होगा।”
भारत के विकास के नए अध्याय की शुरुआत
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ ने हमें एक ऐसा संदेश दिया है, जिससे हम एक साथ एक विकसित भारत की ओर बढ़ें। “अब हमें एक होकर इस महायज्ञ में जुटना है और भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है,” पीएम मोदी ने कहा।
“महाकुंभ का आयोजन न केवल भारत की सांस्कृतिक धारा का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि जब हम सभी एक साथ मिलकर एकता के साथ काम करते हैं, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।”
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