वॉशिंगटन: अगर आपका सपना अमेरिका की नागरिकता पाने का है और आपकी जेब भी अच्छी-खासी भरी हुई है, तो यह खबर आपके लिए अहम हो सकती है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया वीज़ा प्रोग्राम लाने का वादा किया है, जिसे ‘गोल्ड कार्ड’ नाम दिया गया है। इस योजना के तहत, अगर कोई विदेशी व्यक्ति अमेरिका में 5 मिलियन डॉलर (करीब 44 करोड़ रुपये) का निवेश करता है, तो उसे अमेरिकी नागरिकता मिल सकती है।
क्या है ‘गोल्ड कार्ड’ और कौन ले सकता है?
ट्रंप के इस नए प्रस्ताव का मकसद अमीर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है, जो अमेरिका में पैसा लगाना चाहते हैं और वहां स्थायी रूप से बसना चाहते हैं। उनका दावा है कि इस योजना से अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और देश में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह योजना मौजूदा EB-5 वीज़ा प्रोग्राम से कैसे अलग होगी?
‘गोल्ड कार्ड’ बनाम EB-5 वीज़ा: क्या है फर्क?
अब तक, अमेरिका में स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) पाने के लिए सबसे लोकप्रिय तरीका EB-5 वीज़ा था। इसके तहत, कोई भी विदेशी नागरिक 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.75 करोड़ रुपये) का निवेश करके ग्रीन कार्ड हासिल कर सकता था। लेकिन ट्रंप के ‘गोल्ड कार्ड’ प्रोग्राम में यह रकम 5 गुना ज्यादा, यानी 5 मिलियन डॉलर कर दी गई है।
इस वीज़ा के ज़रिए निवेशक अमेरिका में स्थायी रूप से बस सकते हैं और नागरिकता का आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, मौजूदा EB-5 वीज़ा में निवेशकों को अमेरिका में कम से कम 10 नौकरियां पैदा करनी पड़ती थीं, लेकिन ट्रंप की इस नई योजना में यह शर्त होगी या नहीं, इस पर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
एक और बड़ा अंतर यह है कि EB-5 वीज़ा धारकों को पहले ग्रीन कार्ड मिलता था और फिर कुछ साल बाद नागरिकता के लिए आवेदन करना पड़ता था। लेकिन ‘गोल्ड कार्ड’ में नागरिकता का फास्ट-ट्रैक विकल्प हो सकता है, जिससे निवेशक सीधे अमेरिकी नागरिक बन सकते हैं।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मिलेगा फायदा?
ट्रंप ने दावा किया कि गोल्ड कार्ड वीज़ा प्रोग्राम से अमेरिका को आर्थिक मजबूती मिलेगी और राष्ट्रीय कर्ज़ को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर 10 लाख गोल्ड कार्ड जारी किए जाते हैं, तो इससे अमेरिका को अरबों डॉलर का निवेश मिलेगा।
हालांकि यह योजना अभी सिर्फ एक प्रस्ताव है और इसे लागू करने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इसे अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी मिलना आसान नहीं होगा, क्योंकि यह अमेरिका की मौजूदा आव्रजन नीति (इमिग्रेशन पॉलिसी) में बड़ा बदलाव ला सकता है।
क्या गोल्ड कार्ड वीज़ा हकीकत बनेगा?
इस योजना पर अभी कई सवाल खड़े हो रहे हैं –
– क्या यह अमेरिका के मौजूदा इमिग्रेशन सिस्टम से मेल खाएगा?
– क्या अमेरिकी संसद इसे मंजूरी देगी?
– क्या यह अमेरिकी नागरिकता को सिर्फ अमीरों के लिए एक ‘खरीदारी योजना’ बना देगा?
आने वाले समय में इन सवालों के जवाब मिल सकते हैं। लेकिन अगर यह योजना लागू होती है, तो अमेरिकी नागरिकता पाने का सपना अब सिर्फ करोड़पतियों के लिए आसान हो जाएगा।
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