शरिया कानून पर सुप्रीम कोर्ट एक मुस्लिम महिला ने शरिया कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में महिला ने शरिया के बजाय खुद पर भारतीय उत्तराधिकार कानून लागू करने की मांग की है। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा है।
चीफ जस्टिस के पास पहुंचा मामला
अलपुझा निवासी और “एक्स मुस्लिम्स ऑफ केरल” की महासचिव साफिया पीएम की याचिका चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने आई। जिस पर केंद्र को नोटिस जारी किया गया है।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिका ने एक दिलचस्प सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता महिला जन्मजात मुस्लिम है। उसका कहना है कि वह शरिया में विश्वास नहीं करती और उसे लगता है कि यह एक प्रतिगामी कानून है।”
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा
बेंच ने कहा कि यह आस्था के खिलाफ होगा। इस पर कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा। मेहता ने निर्देश प्राप्त करने और जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा। पीठ ने चार सप्ताह का समय देते हुए कहा कि सुनवाई 5 मई से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।
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