डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में खुलकर बोलने वाली दक्षिणपंथी राजनीतिक कार्यकर्ता और प्रभावशाली व्यक्ति लॉरा लूमर ने एलन मस्क पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एलन मस्क द्वारा अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में अप्रवासियों की बढ़ती संख्या की वकालत करने पर आपत्ति जताई है।
लूमन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपना पक्ष रखा। लूमन ने मस्क पर डोनाल्ड ट्रंप को प्रभावित करने का आरोप लगाया और विवेक रामास्वामी के साथ मस्क के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी प्रोजेक्ट को एक वैनिटी प्रोजेक्ट बताया।
उन्हें चीन का मोहरा बताया
लूमर का गुस्सा यहीं खत्म नहीं हुआ। उन्होंने भविष्यवाणी की कि ट्रंप और मस्क के बीच जल्द ही मतभेद शुरू हो जाएंगे। हालांकि, एलन मस्क ने लूमर के आरोपों को ट्रोल बताकर खारिज कर दिया। लेकिन लूमर ने हमला जारी रखा।
लॉरा लूमर ने नस्लवादी और समलैंगिकता विरोधी गालियों का सहारा लिया और कहा कि मस्क चीन का मोहरा हैं। उन्होंने उन पर MAGA में जगह खरीदने का भी आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर लिखा
लूमर ने एक्स पर लिखा, ‘आपको याद है जब आपने बिडेन को वोट दिया था और कहा था कि ट्रंप बहुत बूढ़े हो गए हैं। सबको पता है कि आपने इसलिए दान दिया ताकि आप अप्रवास नीति को प्रभावित कर सकें और अपने मित्र शी जिनपिंग को बचा सकें।’
लूमर ने आगे लिखा, ‘वह पांचवें चरण के कट्टरपंथी हैं। उन्होंने ट्रंप का पक्ष लेने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है।’ लूमर नस्लवादी और इस्लामोफोबिक हैं, इसलिए वह अप्रवास नीति का विरोध कर रही हैं। मस्क पर हमला करते हुए उन्होंने चीनी और भारतीय अप्रवासियों के साथ उनके संबंधों का भी जिक्र किया।
भारत का भी जिक्र किया
लॉरा लूमर ने कहा, ‘टेक अरबपतियों को सिर्फ मार ए लागो जाने, चेकबुक दबाने और अप्रवास नीति को फिर से लिखने का मौका नहीं मिलता है ताकि वे चीन और भारत से असीमित गुलाम श्रम प्राप्त कर सकें। मुझे नस्लवादी कहे जाने की चिंता नहीं है।’
दिलचस्प बात यह है कि गवर्नमेंट एफिशिएंसी प्रोजेक्ट में मस्क के सहयोगी विवेक रामास्वामी को भी अमेरिकी संस्कृति की आलोचना करने के लिए कई बार MAGA समर्थकों के गुस्से का सामना करना पड़ा है।
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