साइबर ठगी पुलिस के लिए सिरदर्द बनी हुई है। साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस भी इनके खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है और शिकंजा कसते हुए इन्हें पकड़ रही है। लेकिन, जल्दी पैसे कमाने के लालच में लोग लाखों-करोड़ों रुपये गंवा रहे हैं। साइबर ठग लोगों को शेयर बाजार में मुनाफे का लालच देकर अपने जाल में फंसा रहे हैं। वहीं, साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट के जरिए भी ठगी कर रहे हैं। जागरूकता के अभाव में लोग इन साइबर ठगों के झांसे में भी आ रहे हैं।
इस साल पूर्वी दिल्ली वालों से 89 करोड़ से ज्यादा की ठगी
इस साल पूर्वी दिल्ली में रहने वाले लोगों से साइबर ठगों ने अलग-अलग तरीकों से 89 करोड़ से ज्यादा की ठगी की। हालांकि, पूर्वी जिले की डीसीपी अपूर्व गुप्ता ने बताया कि जिले का साइबर थाना लगातार ऐसे साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि साल 2024 में 25 दिसंबर तक साइबर ठगी के 41 मामले दर्ज किए गए। साइबर जालसाजों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इस साल जिले की साइबर थाना पुलिस ने 24 साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया जबकि 35 को बाउंड डाउन किया। इसमें 31 महिला जालसाज भी शामिल हैं। गिरफ्तार जालसाज दिल्ली के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से हैं। साइबर ठगी में ईस्ट जिला पुलिस ने सबसे ज्यादा जालसाजों को यूपी और राजस्थान से गिरफ्तार किया जबकि सबसे ज्यादा साइबर जालसाजों को दिल्ली से बाउंड डाउन किया।
कई लोगों को वापस मिले पैसे
डीसीपी ने बताया कि ज्यादातर मामलों में पुलिस ने कई पीड़ितों के पैसे सुरक्षित बचाए और जालसाजों के खाते फ्रीज कराए। 1.59 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम फ्रीज कराई गई। इतना ही नहीं पुलिस पीड़ितों को 4 करोड़ रुपये से ज्यादा वापस दिलाने में भी सफल रही। हालांकि डीसीपी ने बताया कि ठगी होने के बाद लोग तुरंत शिकायत दर्ज नहीं कराते। इस वजह से पुलिस को साइबर जालसाजों तक पहुंचने और उनके पैसे वापस दिलाने में दिक्कत आती है। अगर लोग धोखाधड़ी का पता चलते ही अपनी शिकायत 1930 नंबर पर दर्ज कराएं और फिर अपने नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं तो न केवल आरोपी पकड़े जाएंगे बल्कि पीड़ित को ठगी गई रकम वापस मिलने की संभावना भी बढ़ सकती ।
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