ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एक खाली जमीन कुछ समय पहले तक कूड़े के पहाड़ में तब्दील हो चुकी थी। आसपास के निवासियों के लिए यह जगह सिरदर्द बन गई थी, जहां रोजाना कचरा फेंका जाता और अक्सर आग लगा दी जाती थी। जलते कूड़े से निकलने वाला जहरीला धुआं और गंध ने पूरे इलाके का जीवन दूभर कर दिया था।
लेकिन आज यही जगह एक खुशनुमा बदलाव की मिसाल बन चुकी है। प्राधिकरण ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकालते हुए युवा सामाजिक कार्यकर्ता विक्रांत को इस जमीन को हरा-भरा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी। विक्रांत ने स्थानीय युवाओं की एक टीम बनाई और ‘हरित क्रांति’ अभियान शुरू किया।
कड़ी मेहनत के बाद:
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पहले चरण में कूड़े की सफाई की गई
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जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए खाद डाली गई
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स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए गए
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नियमित रखरखाव की व्यवस्था बनाई गई
मात्र छह महीने के अंदर ही यह बंजर जमीन हरी-भरी वादी में तब्दील हो गई। स्थानीय निवासी रीना देवी बताती हैं, “पहले खिड़की खोलना भी मुश्किल था, अब बच्चे यहां खेलने आते हैं।”
प्राधिकरण के अधिकारी इस पहल से इतने प्रभावित हुए कि अब शहर की 10 और खाली प्लॉट्स को हरित क्षेत्र में बदलने की योजना बना रहे हैं। विक्रांत का कहना है, “यह साबित होता है कि सामूहिक प्रयास से किसी भी समस्या का समाधान संभव है।”
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