बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर, जहाँ हज़ारों RCB प्रशंसक जोश और उत्साह के साथ इकट्ठा हुए थे, किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि जश्न का यह पल एक भयानक दुःस्वप्न में बदल जाएगा। स्टेडियम के अंदर समारोह शुरू होने से ठीक पहले, बाहर भीड़ में अफरा-तफरी मच गई, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।
इस भयावह हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। एक तरफ़ स्टेडियम के अंदर जीत का जश्न गूंज रहा था, तो दूसरी ओर बाहर चीख-पुकार, अफरा-तफरी और ज़िंदगी बचाने की जद्दोजहद का मंजर था।
जब अंदर प्रशंसक खुशियाँ मना रहे थे, तब पास के अस्पतालों में डॉक्टर और कर्मचारी घायलों का इलाज करने में जूझ रहे थे। जश्न और मातम के इस गहरे विरोधाभास ने पूरे शहर को सन्न कर दिया है। अब प्रशासन की भीड़ प्रबंधन में चूक, तैयारी की कमी, और लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं — जो इस टालने योग्य त्रासदी का कारण बने।
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