यमुना के पानी में जहर’, केजरीवाल के जवाब से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं

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भारत के चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि वह यमुना में बढ़े अमोनिया के मुद्दों को सामूहिक नरसंहार के साथ यमुना को जहरीला बनाने के गंभीर आरोपों से न जोड़ें। इसे दो देशों के बीच युद्ध की कार्रवाई के समान माना जा रहा है।

केजरीवाल का चुनाव आयोग को जवाब

हरियाणा से छोड़े जा रहे पानी को ‘जहरीला’ बताने के मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर सफाई दी। हालांकि, इसमें उन्होंने भाजपा और हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला बनाने के अपने आरोपों का कोई सबूत नहीं दिया। न ही उन्होंने दिल्ली के लोगों के खिलाफ छेड़े गए जैविक युद्ध से जुड़े आरोपों पर कोई सफाई दी।

पत्र में उन्होंने कहा कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया की मात्रा बहुत ज्यादा है और यह पानी बेहद जहरीला है। इसलिए दिल्ली में पानी की समस्या पैदा हो रही है। अपने 14 पेज के 31 सूत्रीय पत्र में उन्होंने कहा कि उनका बयान तथ्यों पर आधारित है और उन्होंने किसी कानून या आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। चुनाव आयोग ने पुष्टि की है कि उसे केजरीवाल का जवाब मिल गया है और कहा कि वह गुरुवार को उनके जवाब को देखने के बाद कोई फैसला लेगा…

दरअसल, आयोग ने केजरीवाल से पानी में ‘जहर’ होने के आरोप पर बुधवार रात 8 बजे तक सबूत पेश करने को कहा था। जवाब में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को यमुना से कच्चा पानी मिलता है। हाल ही में दिल्ली को जो कच्चा पानी मिला है, वह बहुत जहरीला है। इसमें प्रदूषण का स्तर इतना अधिक है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट इसे साफ नहीं कर पा रहे हैं। जहरीले पानी के कारण ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता कम हो गई है और दिल्ली में साफ पानी की कमी हो गई है।

अनुमति सीमा से 700 फीसदी अधिक

केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि यमुना के पानी में 7 पीपीएम अमोनिया है, जो कि अनुमति सीमा से 700 फीसदी अधिक है। अरविंद केजरीवाल ने इसका मुख्य कारण हरियाणा द्वारा औद्योगिक कचरे का अनियंत्रित रूप से छोड़ा जाना बताया और कहा कि अगर लगातार ऐसा जहरीला पानी छोड़ा जाता रहा तो यह दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है और मौत का कारण भी बन सकता है।

उन्होंने जो बयान दिए थे, वे हरियाणा से आने वाले कच्चे पानी में गंभीर विषाक्तता को उजागर करने के लिए थे। हालांकि, उनके स्पष्टीकरण से पहले दिल्ली जल बोर्ड ने आयोग को एक रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया है कि इस मौसम में हर साल यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। यह कोई नई बात नहीं है।

भाजपा ने चुनाव आयोग से की थी शिकायत

शिकायत के बाद आयोग ने भेजा था नोटिस अरविंद केजरीवाल द्वारा भाजपा और हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाने के बाद भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी आरोपों को झूठा बताया था और वोट पाने के लिए दिल्ली की जनता को डराने का आरोप लगाया था। इसके बाद आयोग ने केजरीवाल को नोटिस जारी किया था।

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